जिंदगी प्यार का गीत–५
जिंदगी प्यार का गीत – ५
आशु के जाने के बाद रोहन का मन किसी काम में न लगता, हर वक्त सोचता रहता, वो कैसी होगी, कब आयेगी, कब उसका मेसेज आएगा, इसी उहापोह में २ दिन गुजर गए। जानता था आशु ने मना किया था मेसेज करने से पर बैचैनी चर्म पर थी। कई बार मेसेज बनाया फिर मिटा दिया और मन को समझा दिया शायद मां की तबियत सही नही होगी। शायद व्यस्त होगी। शायद मोबाइल देखने का होश ही ना होगा।। वैसे भी बात मां की थी।
तीसरे दिन सुबह आशु का एक संक्षिप्त सा मेसेज आया
मां को हार्ट अटैक आया था, बाई पास सर्जरी हुई है, पीजीआई में, अभी हॉस्पिटल में ही हूं इसलिए समय नहीं मिल पा रहा। अपना ख्याल रखना, मैं ठीक हूं मिस यू❤️
फिर समय मिलेगा तो मेसेज करूंगी, बाय। प्लीज अभी मेसेज नही करना।🙏
जहां आशु का मैसेज देख कर रोहन को थोड़ी तसल्ली मिली पर उसके साथ ही उसकी बेचैनी और बढ़ गई।
जानता था आशु व्यस्त होगी हॉस्पिटल में अपनी मां के साथ पर उसके मन में भी तो कई बातें थी जो वो करना चाहता था, पूछना चाहता था, आखिर आशु की मां उसकी भी तो कुछ लगेगी ना।
पूछना था कब तक हॉस्पिटल में रहेंगी, तबियत कैसी है, कोई रुपए पैसे की तंगी तो नहीं, उसका तो मन था वो भी पीजीआई चला जाए, उसकी माता जी से भी मिल ले और उनके हाल चाल के साथ ही अपनी और आशु की बात भी कर ले। आशु कब आयेगी, कब वो उसके घर प्रस्ताव भेजे।
पर शायद आशु का ध्यान इन सब से ज्यादा अपनी मां पर होगा।
फिर अगले दिन एक और मेसेज आया, मां की तबियत थोड़ा ठीक है, पर अभी हॉस्पिटल में ही हैं। बाकी सब ठीक है, मिस यू ❤️, अपना ख्याल रखना.....
रोहन ने देखा आशु का फोन ज्यादातर ऑफलाइन ही रहता, शायद हॉस्पिटल में ऑन नही रखती होगी। उसे इस बात की तसल्ली तो थी कि आशु की माताजी का ऑपरेशन ठीक ठाक हो गया था, और ये उम्मीद की जल्दी ही आशु सोलन वापस आ जायेगी।
पर इस बात का मलाल भी कि वो न तो उससे ठीक से बात कर पा रहा था न ही उसके इस मुश्किल समय में कोई मदद हो कर पाया था।
अब तो आशु को गए करीब 10 दिन हो चल थे, उसे उम्मीद थी की अब वो जल्दी ही वापस आ जायेगी। आशु की माताजी को भी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था।
आशु ने ही बताया था उसने ऑफिस से 2 हफ्ते की ही छुट्टी ली है, यानी अब कुछ दिनों बाद आशु सोलन आ ही जायेगी।
इस बार रोहन ने सोच लिए था वो आशु के आते ही उसके भाई भाभी से अपनी मां और बाबूजी को मिला देगा और उनके सामने आशु से शादी का प्रस्ताव भी दे देगा।
इसी आशय से उसने आशु की तस्वीर मां और बाबूजी को भी दिखा दी थी। और आशा के अनुरूप दोनो ने बेटे की पसंद पर अपनी सहमति की मुहर भी लगा दी थी।
दोनो को ही रोहन की समझदारी और सूझबूझ पर पूरा भरोसा था। वैसे भी दोनो को न तो दहेज का लालच था न ही जात बिरादरी, ऊंच नीच की कोई सोच। अध्यापक होने की वजह से उन्होंने पूरे जीवन यही जीवन का ज्ञान तो बांटा था।
रोहन ने सोच लिया था की वो ये बात आशु के सोलन पहुंचने के बाद बताएगा।
अचानक उसकी सोच में मोबाइल की आवाज ने खलल डाला, देखा तो आशु का ही मेसेज था।
Hi, तुम से कुछ जरूरी बात करनी है। कब कॉल करूं?
ये आशु भी ना, जब भी कुछ सरप्राईज देना होता था, ऐसे ही मैसेज करती है, आज क्या खुशखबर देने वाली हो मेडम, सोचते हुए रोहन ने मैसेज टाइप किया।
कभी भी कर लो, मेरे पास भी तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है। लिख कर उसने मेसागेबभ दिया।
अगले ही पल आशु का मुस्कुराता चेहरा सामने आ गया और फोन की घंटी बज उठी।
रोहन ने फोन उठाया, और बड़ी उत्सुकता और उत्साह से कहा।
हेल्लो स्वीटहार्ट, हाऊ are you??
दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई....…. बस एक खामोशी थी।
रोहन ने फिर कहा, आशु, आवाज नही आ रही क्या, लगता है नेटवर्क में प्रोब्लम है, हेल्लो आशु, आशु, आवाज आ रही मेरी.......
पर फिर भी खामोशी ही रही..... अचानक रोहन को फोन में किसी के सिसकने की आवाज आई......
आशु ही तो थी, पर वो रो क्यों रही थी......… कहीं माताजी को कुछ तो नही हुआ,.....
आशु, सब ठीक है ना, माता जी ठीक हैं ना, जल्दी बताओ मुझे बेचैनी हो रही..........
हूं, वो ठीक है, उधर से आशु की आवाज आई।
फिर तुम रो क्यों रही हो....... बोलो, बोलो ना
वो, रोहन...... कहते कहते वो फिर से रोने लगी......
रोहन को कुछ समझ नही आ रहा था जब सब कुछ ठीक है तो फिर आशु रोए क्यों चली जा रही थी.......
इससे पहले वो कुछ और पूछ पाता लाइन डिस्कनेक्ट हो गई।
रोहन ने उसके बाद कई बार फोन मिलाने की कोशिश करी, हर बार उसे एक ही आवाज सुनाई देती.... जिस नंबर से आप संपर्क करना चाहते हैं वो अभी बंद है।
लापरवाह आशु, फोन ही डिस्चार्ज हो गया लगता है। शायद फोन रख कर भूल गई होगी और ऐन वक्त पर ऑफ हो गया होगा।
पर अभी भी उसे समझ नही आया था की आशु रो क्यों रही थी। घर में कुछ कहासुनी हो गई होगी, या शायद पैसों की दिक्कत.... सारे विचार रह रह कर रोहन को परेशान किए जा रहे थे, पर आशु का फोन अभी भी स्विच ऑफ ही दिखा रहा था।
रोहन को अपनी मूर्खता पे गुस्सा आ रहा था, आशु के भाई का नंबर होता तो, उसी से पूछ लेता। पता होता तो सुबह ही चंडीगढ़ चला जाता। सारा दिन इसी उधेड़बुन में निकल गया। ये जान कर की कोई वजह है जिससे आशु को रोना आ रहा था, उसे बहुत बुरा महसूस हो रहा था और उससे भी ज्यादा इस बात का की वो कुछ मदद भी नही कर पा रहा था।
घर जा कर भी वो अनमना सा ही रहा, मां बाबूजी ने पूछा भी शायद तबियत तो खराब नहीं, उसने कोई जवाब नही दिया, रात का खाना भी जैसे सबका मन रखने के लिए खा लिया।
पूरा समय वो आशु के बारे में हो सोचता रहा, और ये अटकलें भी की वो कैसे उसकी मदद कर सकता है। यही सोचते सोचते कब उसे नींद आ गई पता ही न चला।
देर रात तक जागने की वजह से सुबह आंख देर से ही खुली। उठते ही सबसे पहले मोबाइल चेक किया, शायद आशु का कोई मैसेज हो।
हां आया था मैसेज, उसकी आशु का
प्रिय रोहन, कल तुमसे बात करना चाहती थी, सोचा तुम्हारी आवाज सुन लूं, फिर जिंदगी मौका दे ना दे।
देखो तुम मुझ से नाराज न होना, मेरी भी कुछ मजबूरी है। तुम मुझे भूल जाओ, मेरी शादी तय हो गई है। तुम भी कोई अच्छी सी लड़की देख कर अपना घर बसा लो। हो सके तो मुझे माफ कर देना, मेरी फोटो प्लीज हटा देना। और हां मुझे कॉल या मेसेज मत करना, परिवार वालों को अच्छा नहीं लगेगा। अगले हफ्ते मेरी शादी है। – आशु
मेसेज पढ़ते पढ़ते रोहन की आंखें धुंधला गई, मोबाइल हाथ में ही रह गया और वो जार जार रोने लगा.......
क्रमश:
आभार – नवीन पहल – १२.१२.२०२१ 💔🙏👍🌹
Priyanka Rani
15-Dec-2021 09:42 PM
Nice
Reply
Seema Priyadarshini sahay
13-Dec-2021 12:23 AM
बहुत ही बढ़िया 👌👌
Reply
नवीन पहल भटनागर
14-Dec-2021 07:07 PM
धन्यवाद जी
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